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Putting Children First. Preparing Children For Success In Life

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जले हिस्से पर संक्रमण ना होनें दें, सावधानी बरतें


 सिरोही। अगर किसी दुर्घटनावश जल जाएं तो अत्यधिक सावधानियां बरतें। सर्वप्रथम तो चिकित्सकीय उपचार के लिए तैयार रहे,लेकिन प्राथमिक उपचार के तौर पर  जले हिस्से पर ठंडा पानी डालें। यह बाल्टी या कटोरा या रसोई की सिंक का इस्तेमाल कर या सामान्य नल के नीचे जले हुए स्थान को रखकर किया जा सकता है । जले हुए हिस्से को कम से कम पन्द्रह मिनट तक ठंडे पानी में रखना चाहिए या तब तक जब तक कि दर्द होना बंद न हो जाए। यदि जले हिस्से (उदाहरण के लिए चेहरा) को पानी के नीचे लाना कठिन हो, तो साफ कपड़े या मुलायम कपड़े को ठंडे पानी में भिंगोएं और घायल हिस्से पर इसे रखें, लेकिन इसे रगड़ें नहीं। दोबारा इसे दोहराएं (ठंडे पानी में फिर से भिगोकर), लेकिन जले को रगड़े नहीं। यह ऊतकों की गर्मी को बाहर करने में मददगार साबित होगा और ऐसा करने से आगे और नुकसान नहीं होगा और यह दर्द को कम कर देगा। जलन हादसे में पीडि़त के अंगूठी, हार, जूते और तेज फिटिंग वाले कपड़ों को जल्द से जल्द हटा दें क्योंकि बाद में सूजन बढऩे के कारण उन्हें निकालना मुश्किल हो सकता है । जब दर्द बंद हो जाए तो जले हुए हिस्से को सावधानीपूर्वक कपड़े से कवर करें। बड़ा हिस्सा या गहरे जले को जब पानी से साफ कर दिया जाए तो उसे साफ हल्के कपड़े, हाल ही में लांडरी से साफ किए गए मुलायम कपड़े से ही ढंकें। (एक तकिए का कवर एक आदर्श कपड़ा है) । एक पोस्टेज स्टैम्प  आकार से अधिक हिस्सा जलने पर उसे डॉक्टर को अवश्य दिखाएं । जब बड़ा हिस्सा प्रभावित हुआ हो और अस्पताल में इलाज की जरूरत हो, तो एक तौलिए में बर्फ लपेटकर यात्रा के दौरान जले हुए हिस्से पर उसे लगाया जाना चाहिए। दूसरी ओर संक्रमण रोकने के लिए जले हुए क्षेत्र को ढकना जरुरी है। 


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