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Putting Children First. Preparing Children For Success In Life

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काफी तकलीफ देह होता है सायनस, निदान करें


सिरोही। सायनस भी पीडि़त के लिए काफी तकलीफदायक होता है। पीडि़त इससे बुरी तरह से परेशान हो जाता है।  सायनस नाक के दीवारों की हड्डियों की गुफओं को कहते हैं। माथे, गालों और नाक के उपर और पीछे सभी जगह एक एक जोड़ी साइनस होते हैं (नाक के निचले हिस्से के बाजू में)। यह एक हाल के आठ दरवाज़ों की तरह होते हैं। अन्दर से ये सभी एक पतली झिल्ली से ढंके रहते हैं। आम जुकाम में नाक के अन्दर साइनस की खुलने की जगह बन्द हो जाती है। ऐसा म्यूकोसा के सूज जाने के कारण होता है। इससे साइनस में भारीपन महसूस होता है। लेकिन संक्रमण को गुफओं में जानेसे भी यह सूजन कुछ हदतक रोकती है। परन्तु यह अस्थाई होता है और जुकाम ठीक होने के साथ ही ठीक हो जाता है। यह या तो आम जुकाम के कारण होता या फिर कण्ठशालूक की संक्रमण के कारण। नाक का स्त्राव (जिसमें बैक्टीरिया भी होते हैं) एक या ज़्यादा साइनस में पहुंच जाता है। इससे साइनस की संक्रमण की शुरुआत होती है। साइनस में भारीपन, छूने से दर्द, धड़कने वाला दर्द और पीप जैसा गाढ़ा द्रव का निकल कर नाक में आना आदि इस रोग के लक्षण हैं। यह द्रव या तो नाक से बाहर आता है या फिर नाक के अन्दर से पीछे निगला जाता है। इससे साइनोसाइटिस के निदान में मदद मिलती है। परन्तु अगर सूजन के कारण साइनस बन्द हो गए हों तो स्त्राव नहीं होता। सायनस के शुरुआती लक्षण में नाक से पानी आना, सिर में दर्द होता है। इलाज के तौर पर इसके लिए ऐमॉक्सीसिलीन की दवा मुंह से सात दिन के लिए दें। इससे बैक्टीरिया संक्रमण नियंत्रित होता है। दर्द, बुखार और शोथ के लिए एस्पिरिन दें। नाक के अन्दर सूजन कम करने के लिए 1 प्रतिशत एफेडरीन के बूंद हर 2-3 घण्टों बाद नाक में डालें। इससे झिल्ली की सूजन कम होती है। इससे साइनस के दरवाजे भी खुले रहते हैं और साइनस आसानी से खाली भी हो जाते हैं।इसके अलावा कसरत से भी यह फायदा होता। यह तंत्रिका तंत्र के जरिए काम करता है। हल्की कसरत से बंद नाक खुल जाता है। अगर इस इलाज से फायदा न हो तो डॉक्टर की मदद की ज़रूरत है। कभी-कभी कान-नाक-गले (इ.एन.टी.) का डॉक्टर पीप को बाहर निकालने का छोटा सा छेद कर देते हैं। इसे एनट्राल पंचर कहते हैं। इसके बाद पिचकारी से सायनस गुफा धो दी जाती है। किसी भी बीमारी को हल्के में ना लें। चाहे सायनस हो चाहे सिरदर्द। 

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