सिरोही। झटका बिजली का, कई बार घरों में उपकरणों से आ जाता है। कई बार तार छूने से तो कभी कभार बिजली यानि गाज गिरने से। गंभीर मामलों में बिजली का शॉक लगने पर लकड़ी से पीडि़त को करंट से अलग करने का प्रयास करें। 25 वोल्ट से ज्यादा झटका खतरनाक हो सकता है। करंट लगने से एकदम होने वाले असर में जलना और दिल या दिमाग का काम करना बंद करना। उसी समय पर पेशियों में ऐंठन होने की संभावना भी होती है। बिजली का झटका लगने के देरी से होने वाले असर आमतौर पर कम गंभीर होते हैं। ज़्यादा नुकसान झटका लगने के समय ही होता है। मृत्यु आमतौर पर दिल या दिमाग के रुकने के कारण होती है। इसके लिए सिर्फ थोड़े से उपचार की ज़रूरत होती है। दर्दनिवारक दवाओं देकर आराम के अलावा हौसला बढ़ाया जाना ज़रूरी होता है। बिजली का काम करते समय गीले हाथ-बदन से न करे। वैसे ही पॉंव में रबर के स्लीपर पहनने से बिजली से सुरक्षा मिलता है, क्योंकि जमीन में करंट घुस नहीं सकता। अगर करंट हृदय या मस्तिष्क से गुजरे तो ज्यादा खतरनाक होता है। बिजली का जहॉं प्रवेश होता है वहॉं निशान संभव है। जहॉं से बिजली जमीन में निकल जाती है, उस चमडीपर काले याने जलने के निशान हो जाते है। सबसे बड़ा बचाव यह है कि करंट के उपकरणों पर सावधानी बरतें।
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